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प्रभु तुम अणु से भी सूक्ष्म हो ( आर्य समाज भजन )

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                    प्रभु तुम अणु से भी सूक्ष्म हो    इस भजन को सुनने के लिए इस👆 link पर click       करें।                             प्रभु तुम अणु से भी सूक्ष्म हो                           भजन Lyrics           प्रभु तुम अणु से भी सूक्ष्म हो, प्रभु तुम गगन से विशाल हो। मैं मिसाल दूं तुम्हें कौनसी, दुनिया में तुम बेमिसाल हो।। हर दिल में तेरा धाम है, और न्याय ही तेरा काम है। सबसे बड़ा तेरा नाम है, जगनाथ हो जगपाल हो।।1।। तुम साधकों की हो साधना, या उपासकों की उपासना। किसी भक्त की मृदु भावना या किसी कवि का खयाल हो।।2।। मिले सूर्य को तेरी रोशनी खिले चांद में तेरी चांदनी। सब पर दया तेरी पावनी प्रभु तुम तो दीन दयाल हो।।3।। तुझ पर किसी का ना जोर है, तेरा राज्य ही सभी ओर है। तेरे हाथ सबकी ही डोर है तुम्ही जिन्दगी तुम्ही ताल है।।4।। जो खत्म ना हो ...

यह मत कहो कि जग में कर सकता क्या अकेला (आर्य समाज भजन)

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        यह मत कहो कि जग में कर सकता क्या अकेला इस भजन को सुनने के लिए इस👆 link पर click करें। यह मत कहो कि जग में कर सकता क्या अकेला                       भजन Lyrics यह मत कहो कि जग में कर सकता क्या अकेला। लाखों में वार करता इक सूरमाँ अकेला।। टेक।। आकाश में करोड़ों तारें हैं टिमटिमाते। अंधकार जग का हरता इक चन्द्रमा अकेला।। 1।। लोहे की पटरियों पर होते अनेक डिब्बे। लेकिन सभी को इंजन है खींचता अकेला।। 2।। होते हैं ओखली में अनगिनत धान के कण। लेकिन सभी को मूसल दल डालता अकेला।। 3।। एक रोज शहाजहाँ के दरबार में अमरसिंह। अपनी कटार का बल दिखला गया अकेला।। 4।। लंका पुरी जला के असुरों का मद मिटा के। हनुमान राम दल में आ मिल गया अकेला।। 5।। जापान में सजाकर आजाद हिन्द सेना। नेता सुभाष जौहर दिखला गया अकेला।। 6।। था कुल जगत् विरोधी तिस पर ऋषि दयानन्द।  वैदिक धरम का झंडा लहरा गया अकेला।। 7।।  गायक - सौरभ आर्य सुमन लेखक - आर्य जी Label - Arya Sangeet