प्रभु तुम अणु से भी सूक्ष्म हो ( आर्य समाज भजन )
प्रभु तुम अणु से भी सूक्ष्म हो इस भजन को सुनने के लिए इस👆 link पर click करें। प्रभु तुम अणु से भी सूक्ष्म हो भजन Lyrics प्रभु तुम अणु से भी सूक्ष्म हो, प्रभु तुम गगन से विशाल हो। मैं मिसाल दूं तुम्हें कौनसी, दुनिया में तुम बेमिसाल हो।। हर दिल में तेरा धाम है, और न्याय ही तेरा काम है। सबसे बड़ा तेरा नाम है, जगनाथ हो जगपाल हो।।1।। तुम साधकों की हो साधना, या उपासकों की उपासना। किसी भक्त की मृदु भावना या किसी कवि का खयाल हो।।2।। मिले सूर्य को तेरी रोशनी खिले चांद में तेरी चांदनी। सब पर दया तेरी पावनी प्रभु तुम तो दीन दयाल हो।।3।। तुझ पर किसी का ना जोर है, तेरा राज्य ही सभी ओर है। तेरे हाथ सबकी ही डोर है तुम्ही जिन्दगी तुम्ही ताल है।।4।। जो खत्म ना हो ...